राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने डिजिटल युग में एक नई शुरुआत की है। राजस्थान फार्मेसी काउंसिल भारत की पहली पेपरलेस काउंसिल है| इसके तहत आने वाले दिनों में काउंसिल पेपरलेस हो जाएगी। पंजीकरण कराने वालों को अब बार-बार चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। बिना उपस्थिति 7 से 10 दिनों में स्क्रूटनी के बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जारी कर दिया जाएगा और मोबाइल पर भी मैसेज जाएगा। अब फार्मेसी के छात्र डिजिटल पंजीकरण प्रमाण पत्र ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं और अपनी फार्मेसी की दुकान शुरू कर सकते हैं। फॉर्मेसी काउंसिल का प्रयोग सफल होने पर राज्य के बाहर के विद्यार्थियों के लिए भी यह सुविधा लागू की जाएगी। एक अगस्त से नए पंजीकृत फ़ार्मासिस्ट को डिजिटल आई॰डी॰ कार्ड मिलने शुरू हो जाएँगे|

  • काउंसिल की ओर से मिलने वालेे प्रमाण पत्र में अब कॉलेज का नाम भी दर्ज होगा।
  • अपॉइंटमेंट सिस्टम खत्म कर दिया है। रजिस्ट्रेशन से प्रमाणपत्र मिलने में 6 माह लगते थे, अब 10 दिन में काम ।
  • आवेदन करने के बाद 24 घंटे के भीतर राज्य की फार्मेसी कॉलेज को मैसेज चला जाएगा।
  • नए रजिस्ट्रेशन पर विद्यार्थियों को डिजिटल पहचान पत्र मिलेगा। यह पांच साल के लिए मान्य रहेगा।
  • आवेदन करने के बाद किसी भी तरह की गलती होने पर भी विद्यार्थियों के पास दोबारा दस्तावेज अपलोड करने की सूचना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिलेगी।
  • राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों से डिप्लोमा और डिग्री उत्तीर्ण करने वाले छात्रों का कॉलेज वेरिफिकेशन सत्यापन पत्र अपलोड करने की सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी।
  • पहले से रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों को पहचान पत्र लेना अनिवार्य नहीं है। उनकी इच्छा पर निर्भर है। और इसके लिए 50 रुपए फीस रखी है।

Rajasthan Pharmacy Council OFFICIAL Website

राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष डॉ.ईश मुंजाल का कहना है सीएम की मंशा के अनुरूप काउंसिल को डिजिटल कर दिया है। अगले माह से व्यवस्था लागू होगी। क्यूआर स्कैन करके डिजिटल प्रमाण पत्र भी ले सकेगा।

साथ ही नवीनीकरण करवाने वाले फ़ार्मासिस्ट के लिए ये प्रक्रिया एक विकल्प के तोर पर उपलब्ध रहेगी । साथ ही फ़ार्मासिस्ट साथियों के ग्रूप इन्शुरन्स की क़वायद भी शुरू हो गयी है । हाल ही पिछले 2 महीने में रिकोर्ड 3000 फ़ॉर्मसिस्ट के पंजीकरण भी किए, जो की अपने आप में ही अब तक का ऐतिहासिक कदम है। ये सनद रहे कि फ़ार्मासिस्ट समुदाय के हित में किए गए कार्य को एक फ़ार्मासिस्ट ही अंजाम तक पहुँचा सकता है।

आज ही आर॰पी॰सी॰ ने Mobile App भी लॉंच कर दिया है।
आज रजिस्ट्रार नवीन सांघी सर, सदस्य अजय अग्रवाल सर द्वारा फ़ार्मासिस्ट के डिजिटल आई॰डी॰ कार्ड देकर इसकी शुरुआत की ।

आर॰ पीं सी के इस एतिहासिक निर्णय को, देश की अन्य स्टेट कोंसिल को भी मॉडल के तौर पर अपनाना चाहिए।


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